Bitcoin Kya Hai Puri Jankari Hindi Me 2023 | बिटकॉइन क्या होता है? | भारत में क्या है क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य? | बिटकॉइन अकाउंट | बिटकॉइन किस देश की करेंसी है | बिटकॉइन के नुकसान | बिटकॉइन का भविष्य | बिटकॉइन कैसे खरीदें | बिटकॉइन का भविष्य 2022
दुनियाभर के बाजारों में इस साल के शुरुआत से मंदी के कारण क्रिप्टो बाजार में भी इसका असर देखने को मिला है। साल 2022 में भारत में Bitcoin से जुड़े कुछ नए नियम भी प्रभाव में आए हैं। Bitcoin से होने वाली आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स और क्रिप्टो की लेनदेन में 1 प्रतिशत TDS का प्रावधान इनमें शामिल है।
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साल 2021 में Bitcoin के बाजार में पिछले वर्ष की तुलना में साढ़े 15 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली थी। जहां 2020 में भारतीय निवेशकों ने Bitcoin में महज 28.10 मिलियन यूएस डॉलर का निवेश किया था वहीं साल 2022 में यह बढ़कर लगभग 438.18 मिलियन यूएस डॉलर हो गया था। साल 2022 के बीते छह महीनों में क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 139.9 मिलियन डॉलर का निवेश देखने को मिला है।

Bitcoin Kya Hai Puri Jankari 2023
दुनियाभर के बाजारों में इस साल के शुरुआत से मंदी के कारण Bitcoin बाजार में भी इसका असर देखने को मिला है। बीते कुछ समय से बाजार में क्रिप्टोकरेंसी के कमजोर होने से बड़े पैमाने पर भारतीय निवेशक भी इससे पैसा बाहर निकालते दिख रहे हैं। इससे बाजार में इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी के दिन ढल गए हैं या एक बार फिर एनएफटी या क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में रंगत लाैटेगी?
साल 2022 में भारत में Bitcoin से जुड़े कुछ नए नियम भी प्रभाव में आए हैं। क्रिप्टो से होने वाली आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स और क्रिप्टो की लेनदेन में 1 प्रतिशत TDS का प्रावधान इनमें शामिल है। जानकार मानते हैं कि इसका असर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के आकड़ों पर देखने को मिल रहा है। ZebPay के सीईओ अविनाश शेखर के अनुसार नए नियमों के प्रभाव में आने से दिनोंदिन क्रिप्टों में निवेश और इससे जुड़े स्टार्टअप्स के शुरुआत होने के आंकड़ों में कमी देखने को मिली है।
बिटकॉइन क्या होता है?
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 में क्रिप्टोकरेंसी सेक्टर में टोटल मार्केट कैपिटलाइजेशन में 187.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली थी। पूरे क्रिप्टोबाजार में सिर्फ बिटकॉइन ने ही लगभग 60 प्रतिशत (59.8%) रिटर्न दिया था।
साल 2021 में एनएफटी (Non-Fungible Token) और मेटावर्स बाजार में निवेश क्रमशः 65 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 0.84 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया गया है। इन निवेशों को देखते हुए इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि इस सेक्टर में निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।
एनएफटी कंपनी nonfungible.com की एक स्टडी के अनुसार एनएफटी में निवेश के ओवरऑल परिदृश्य में साल 2022 में 21000 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
एनएफटी और मेटावर्स ने ब्लॉकचैन पर उपयोगकर्ताओं को स्वामित्व के प्रमाण की अनुमति भी दे दी है। gurdianlink के सीईओ और कोफाउंडर रामकुमार सुब्रमण्यम के अनुसार साल 2022 में भारतीय डिजिटल बाजार में एनएफटी के कई प्रारूप देखने को मिले। इस दौरान भारतीय सेलिब्रिटीज और ब्राण्ड्स ने भी खुलकर एनएफटी और मेटावर्स कल्चर की वकालत की है।
Bitcoin बाजार से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि साल 2022 में एनएफटी और मेटावर्स मार्केट में अधिक उपयोगिता-उन्मुख और उपयोगकर्ता आधारित परियोजना देखने को मिल सकते हैं। प्ले टू अर्न की अवधारणा का भी असर देखने को मिलेगा। कई सरकारी इनिशियेटिव्स में भी एनएफटी और मेटावर्स का असर देखने को मिल सकता है।
वहीं अगर बात वैश्विक बाजारों की करें तो साल 2022 में Bitcoin, एनएफटी ओर मेटावर्स बाजार में क्रमशः 14270.38 मिलियन डॉलर, 5005.67 मिलियन डॉलर और 661.33 मिलियन डॉलर का निवेश देखने को मिला है। क्रिप्टो बाजार से जुड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी एक्सक्यूब लैब्स के वाइस प्रेसिडेंट मार्केटिंग निलेश जहारगिरदार का मानना है कि वैश्विक बाजार में भारत को लीडर के रूप में स्थापित करने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक के तहत और अधिक निवेश की जरुरत है। उनका मानना है कि साल 2022 में भारत सरकार के बजट में डिजिटल करेंसी को लेकर जो घोषणाएं की गई हैं उससे भारत में आने वाले दिनों में डिजिटल करेंसी का बाजार बढ़ने की उम्मीदें जगी हैं।
भारत में क्या है क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य?
ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि भले ही Bitcoin वर्तमान में ग्लोबल बाजारों की अस्थिरता के कारण निवेशक डरकर Bitcoin बाजार से पैसे निकाल रहे हैं पर बाजार जैसे ही संभला इसमें दोबारा रंगत लौटने की उम्मीद बनी हुई है। बात अगर मेटावर्स की करें तो भारतीय बाजार अब तक इसके शॉपिंग और लेन-देन के लिए वर्जुअल हब नहीं बन पाया है।
हालांकि इस पूरी चर्चा का एक पक्ष यह भी है कि सरकार और केन्द्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से अब तक एनएफटी को लेकर कोई स्पष्ट नीति सार्वजनिक नहीं की गई है। अभी हाल ही में रिजर्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी खतरनाक है।
Bitcoin Related FAQs
1 बिटकॉइन की कीमत कितनी होती है?
बिटकॉइन का मूल्य कई चीजों में निर्भर होता है। उनमें से दो सबसे महत्वपूर्ण चीजें आपूर्ति और माँग है। बिटकॉइन सीमित संख्या में पाया जाता है। 2,10,00,000 बिटकॉइन ही माइन किया जा सकता है। ऐसे में अगर आपूर्ति से कम माँग हो तो बिटकॉइन का मूल्य घटता है और उल्टा होने पर इसका मूल्य बढ़ता है। भारत में बिटकॉइन का मूल्य सबसे अधिक 44,54,673 भारतीय रुपए था।
बिटकॉइन क्या है और कैसे काम करता है?
बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा है, आभासी मतलब कि अन्य मुद्रा की तरह इसका कोई भौतिक स्वरुप नहीं है यह एक डिजिटल करेंसी है। यह एक ऐसी मुद्रा है जिसको आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं। यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है। अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है।
बिटकॉइन से क्या फायदा है?
क्रिप्टो माइनिंग या बिटकॉइन माइनिंग का मतलब पजल्स को सॉल्व करके नई बिटकॉइन बनाना है। चलिए थोड़ा आसान भाषा में समझते हैं। जिस तरह हम किसी को पैसे भेजने को लिए कोई ट्रांजेक्शन करते हैं तो वह पहले बैंक के पास जाती है और फिर बैंक उसे वैलिडेट कर के आगे भेजता है।
बिटकॉइन का भविष्य क्या है?
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी। इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है। हाल ही में बिटकॉइन पर आर बी आई द्वारा लगाई गई रोक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हटाई गई है। फिर बाद में RBI ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी।