Jharkhand Vaikalpik Kheti Yojana 2023 Apply Online | झारखंड वैकल्पिक खेती योजना, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया

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Jharkhand Vaikalpik Kheti Yojana 2023 Apply Online | झारखंड वैकल्पिक खेती योजना क्या है, ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, लाभ, पात्रता, एवं जरूरी दस्तावेज जाने |

इस साल मानसून (Monsoon 2022) का रुख कुछ साफ नहीं रहा. कुछ इलाकों में बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई तो झारखंड (Jharkhand Monsoon) से कुछ राज्यों में पानी की एक बूंद भी ठीक से नहीं गिर पाई. जलवायु परिवर्तन की इस गंभीर समस्या के कारण झारखंड के किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ गया. राज्य में बारिश की कमी के कारण धान की खेती (Paddy Farming) नहीं हो पाई और ज्यादातर किसानों को खेत खाली ही रह गये.

इस समस्या के बीच किसानों को राहत प्रदान करने के लिये झारखंड कृषि विभाग (Jharkhand Agriculture Department) ने वैकल्पिक खेती का उपाय निकाला है. इसके तहत किसानों को धान की जगह दूसरी फसलों की खेती के लिये प्रेरित किया जा रहा है. इस काम में किसानों की सहायता के लिये वैकल्पिक खेती योजना (Jharkhand Vaikalpik Kheti Yojana) भी चलाई जा रही है, जिसके तहत किसानों को दलहनी , तिलहनी एवं सब्जियों की खेती करने के लिये बीजों की खरीद पर आर्थिक सहायता दी जायेगी.

Jharkhand Vaikalpik Kheti Yojana

झारखंड वैकल्पिक खेती योजना Highligts

योजना का नामJharkhand Vaikalpik Kheti Yojana
शुरू की गईझारखंड सरकार एवं कृषि विभाग द्वारा
लाभार्थीराज्य के किसान
उद्देश्यदलहन, तिलहन एवं सब्जियों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना
साल2023
राज्यझारखंड

झारखंड सरकार अपने राज्य के किसानों को सूखे से बचाने और उन्हें लगातार खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए तरह-तरह के अभियान और योजनाएं चलाती रहती है. अब हाल ही में झारखंड सरकार द्वारा झारखंड वैकल्पिक खेती योजना की शुरुआत की गई है। झारखंड में बारिश के अभाव में खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए इस योजना की शुरुआत की गई है.

इस योजना के माध्यम से किसानों को धान की सीधी बिजाई, उरद, मूंग, अरहर, मक्का, कुल्थी, तोरिया, ज्वार, मडुआ की ऊपरी मिट्टी में खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसके लिए उन्हें अनुदान पर अल्पावधि सूखा प्रतिरोधी नस्ल के बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं। तो आइए हमारे साथ जानते हैं झारखंड वैकल्पिक खेती योजना 2023 क्या है और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी।

Jharkhand Vaikalpik Kheti Yojana क्या है?

झारखंड वैकल्पिक खेती योजना की योजना झारखंड सरकार और कृषि विभाग द्वारा बनाई गई है। अब झारखंड वैकल्पिक खेती योजना के माध्यम से राज्य के किसानों को धान के साथ अरहर, उड़द, कुल्थी, मक्का, तोरिया, मूंग, ज्वार और मडुआ की अल्पावधि सूखा प्रतिरोधी किस्मों के बीज सब्सिडी पर दिए जाएंगे। ये बीज कम वर्षा में भी सफल होने की क्षमता रखते हैं।

जिससे सूखे के कारण धान की खेती करने वाले किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके. झारखंड राज्य कृषि निदेशक ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि तोरपा महिला कृषि बागवानी स्वालम्बी सहकारी समिति लिमिटेड, सदस्य किसान एफपीओ की सीईओ प्रिय रंजन से समन्वय कर ब्लॉक चेन सिस्टम में पंजीकरण कराएं और जल्द से जल्द बीज खरीदें. खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के एफपीओ तोरपा महिला कृषि बागवानी स्वालंबी सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा सूखा प्रतिरोधी लघु अवधि उड़द की किस्म पीयू-31 के बीज 50 प्रतिशत अनुदानित दर ₹64 प्रति किग्रा पर उपलब्ध कराया जा रहा है.

Jharkhand Vaikalpik Kheti Yojana का उद्देश्य

इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य झारखंड के किसानों को दलहन, तिलहन और सब्जियों जैसी वैकल्पिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना है। राज्य के किसानों को झारखंड वैकल्पिक खेती योजना के प्रति जागरूक करने के लिए जगह-जगह गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. राज्य सरकार एवं कृषि विभाग द्वारा इस योजना के माध्यम से 5 लाख कृषकों को अनुदानित बीज की किस्में उपलब्ध करायी जा रही हैं। यह योजना राज्य के किसानों को सूखे के कारण हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई करेगी। झारखंड वैकल्पिक खेती योजना के माध्यम से राज्य के किसानों को सूखे की स्थिति में भी लगातार खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही आर्थिक नुकसान से भी बचे रहेंगे।

Vaikalpik Kheti Yojana का लाभ

झारखण्ड वैकल्पिक खेती योजना 2023 की शुरुआत झारखण्ड सरकार द्वारा किसानों के हित में की गयी है।
इस योजना के माध्यम से किसानों को दलहन, तिलहन और सब्जियों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जिसके लिए राज्य के किसानों को धान के साथ अरहर, उड़द, कुल्थी, मक्का, तोरिया, मूंग, ज्वार और मडुआ की अल्पावधि सूखा प्रतिरोधी किस्मों के बीज सब्सिडी पर दिए जाएंगे।
ये बीज कम वर्षा में भी सफल होने की क्षमता रखते हैं।
यह योजना झारखंड सरकार द्वारा राज्य की सूखे की स्थिति को देखते हुए शुरू की गई है।
यह योजना राज्य में फसल विविधीकरण को भी बढ़ावा देगी।
खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के एफपीओ तोरपा महिला कृषि बागवानी स्वालंबी सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा सूखा प्रतिरोधी लघु अवधि उड़द की किस्म पीयू-31 के बीज 50 प्रतिशत अनुदानित दर ₹64 प्रति किग्रा पर उपलब्ध कराया जा रहा है.

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झारखंड वैकल्पिक खेती योजना के तहत पात्रता एवं आवश्यक दस्तावेज

  • किसान का स्थाई प्रमाण पत्र
  • किसान का आधार कार्ड
  • किसान का आय प्रमाण पत्र
  • किसान का आधार से लिंक मोबाइल नंबर
  • बैंक खाते का विवरण या बैंक पासबुक की कॉपी
  • किसान का पासपोर्ट साइज फोटो

5 लाख किसानों को मिलेगा फायदा

वैकल्पिक खेती योजना तहत झारखंड के किसानों को धान की जगह अरहर, उरद, कुलथी, मक्का, तोरिया , मूंग, ज्वार और मडुआ की कम अवधि वाले और सूखा रोधी बीजों के लिये अनुदान दिया जायेगा, जिसकी मदद से कम बारिश या सूखा ग्रस्त इलाकों में भी खेती करके किसान आर्थिक संकट से निकल पायेंगे. इस योजना से राज्य के 5 लाख किसानों को जोड़ा जायेगा.

कहां करें संपर्क

झारखंड वैकल्पिक खेती योजना से जुड़ने पर किसानों को सूखारोधी कम अवधि वाले उड़द प्रभेद PU-31 बीजों को 50% अनुदान पर मुहैया करवाया जायेगा. किसान चाहें तो इन बीजों को मात्र 64 रुपये प्रति किलो पर खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के किसान उत्पादक संगठन ‘तोरपा महिला कृषि बागवानी स्वालंबी सहकारी समिति लिमिटेड’ से संपर्क करके मंगवा सकते हैं.

Jharkhand Vaikalpik Kheti Yojana के तहत पंजीकरण प्रक्रिया

  • सबसे पहले आपको तोरपा महिला कृषि बागवानी स्वालम्बी सहकारी समिति लिमिटेड सदस्य की FPO के CEO प्रिय रंजन से समन्वय स्थापित करना है।
  • इसके बाद आपको ब्लॉक चैन प्रणाली में अपना पंजीकरण करवाना है।
  • पंजीकरण करवाने के बाद आप अनुदानित छोटी अवधि सूखा प्रतिरोधी नस्ल के बीज खरीद सकते हैं।

झारखंड वैकल्पिक खेती योजना झारखंड सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक योजना है जो कि ग्रामीण क्षेत्रों में वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने और उससे जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जीवनशैली में सुधार लाना है और उन्हें एक आर्थिक स्थान प्रदान करना है। इस योजना के तहत किसानों को वैकल्पिक खेती से जुड़ी जानकारी और प्रशिक्षण मिलता है, जैसे कि जैविक खेती, जमीन संरक्षण और पौधों का चिकित्सा। इसके अलावा, योजना के तहत किसानों को वैकल्पिक उत्पादों की जानकारी मिलती है।

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