Loan Refinancing: आज मैं आपको एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात बताना चाहता हूँ। हम घर, कार या जीवन की अन्य महत्वपूर्ण चीजों के लिए बैंक से लोन लेते हैं और फिर उसे जीवन भर चुकाते रहते हैं। लेकिन अगर हम कुछ बातों पर थोड़ा सचेत होकर ध्यान दें तो हम अपने लोन को जल्द से जल्द चुका सकते हैं। अभी कुछ दिन पहले आपने यह खबर सुनी होगी कि RBI ने Repo Rate घटा दिया है। लेकिन इसकी वजह से हमारी EMI कम नहीं हुई। तो आज हम जानेंगे कि ऐसा क्यों नहीं हुआ और हम अपनी EMI कम करने के लिए क्या कर सकते हैं।
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Repo Rate क्या है?
जब हम बैंक से लोन लेते हैं तो बैंक हमसे एक निश्चित दर पर ब्याज लेता है। इसी तरह देश के बैंक अस्थायी फंड जुटाने के लिए RBI से लोन लेते हैं। और उस लोन पर लगने वाली ब्याज दर को Repo Rate “पुनर्खरीद ऑपरेशन रेट“ कहा जाता है। इसलिए जब RBI द्वारा Repo Rate घटाया जाता है तो उम्मीद की जाती है कि बैंक भी अपने ग्राहकों पर लगने वाली ब्याज दर घटा देंगे। और इसका फायदा बैंक ग्राहकों को होगा।

रेपो रेट क्यों घटाया जाता है?
Repo Rate में कमी के पीछे सबसे अहम कारण महंगाई का बढ़ना है। अगर महंगाई लगातार बढ़ती रही तो आर्थिक मंदी की स्थिति आ सकती है। इसलिए ऐसी स्थिति को रोकने के लिए RBI रेपो रेट में कमी करता है। जिससे लोन सस्ते हो जाते हैं और बैंकों के लिए लोन देना आसान हो जाता है। Repo Rate कम करने के बाद बैंक होम लोन, कार लोन और दूसरे तरह के लोन पर ब्याज दरें भी कम कर देते हैं। जिससे लोग ज्यादा लोन लेने के लिए आगे आते हैं। बाजार में फिर से पैसा घूमने लगता है और आर्थिक स्थिति फिर से काबू में आ जाती है।
लोन रिफाइनेंसिंग (Loan Refinancing)
लोन रिफाइनेंसिंग (Loan Refinancing) का मतलब है कि हम अपने लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं। मान लीजिए हमने SBI बैंक से होम लोन लिया है। जिसकी ब्याज दर 8.5 प्रतिशत है। लेकिन HDFC बैंक के होम लोन की ब्याज दर 7.5 प्रतिशत है।
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ऐसे में आप अपना होम लोन SBI बैंक से HDFC बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं। इससे न सिर्फ आपके कुल लोन पर ब्याज दर कम होगी बल्कि आपकी मासिक EMI पर भी फर्क पड़ेगा।
लोन रीफाइनेंसिंग की आसान प्रक्रिया
जब लोग Loan Refinancing के बारे में सोचते हैं, तो उन्हें लगता है कि उन्हें फिर से बैंक चक्कर काटना पड़ेगा और सारे दस्तावेज फिर से जमा करने होंगे। लेकिन Loan Refinancing की प्रक्रिया आपकी सोच से कहीं ज़्यादा आसान है।
- सबसे पहले आपको एक ऐसा बैंक ढूँढना होगा जो आपको आपके मौजूदा लोन की ब्याज दर से कम ब्याज दर दे। इसके लिए आप इंटरनेट पर जाकर आसानी से जानकारी ले सकते हैं।
- बैंक चुनने के बाद आपको नए बैंक में रीफाइनेंसिंग के लिए आवेदन करना होगा। जिसमें आपको लोन, लोन की राशि, उसकी ब्याज दर और बची हुई अवधि के बारे में सारी जानकारी देनी होगी। जैसे ही बैंक आपसे दस्तावेज मांगता है, तो कुछ खास दस्तावेजों का सत्यापन करना होता है। जैसे कि आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र और संबंधित संपत्ति या जिस पर लोन लिया गया है, उसके दस्तावेज।
- लेकिन अगर आप ऑनलाइन Loan Refinancing के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आपको बार-बार अपने बैंक जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि आज के डिजिटल युग में ज़्यादातर बैंक रीफाइनेंसिंग प्रक्रिया को ऑनलाइन या बैंक के ऐप के ज़रिए पूरा करते हैं।
- ऑनलाइन भी आपको सभी जरूरी जानकारी भरनी होगी और लोन से जुड़े दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसके बाद बैंक आपके क्रेडिट स्कोर, दस्तावेज आदि का वेरिफिकेशन पूरा करेगा। और अगर सब कुछ ठीक रहा तो कुछ ही दिनों में आपका लोन नए बैंक में ट्रांसफर हो जाएगा।
लोन रीफाइनेंस कराते समय इन बातों का रखें ध्यान
- Loan Refinancing कराते समय सबसे जरूरी बात जो आपको पता होनी चाहिए वो ये है कि बैंक लोन ट्रांसफर करने के लिए प्रोसेसिंग फीस या कोई और चार्ज तो नहीं ले रहा है? आम तौर पर सभी बैंक आपके लोन अमाउंट पर कुछ प्रोसेसिंग फीस लेते हैं जो 0.5% से 1% तक होती है।
- दूसरी जरूरी बात कि क्या आपके पुराने लोन पर कोई पेनल्टी चार्ज तो नहीं लगा है, अगर लगा है तो Loan Refinancing के लिए अप्लाई करने से पहले आपको पेनाल्टी या कोई अन्य चार्ज जो देना बाकी है उसे चुकाना होगा, ताकि लोन ट्रांसफर एप्लीकेशन रिजेक्ट न हो।
- तीसरी बात भी उतनी ही जरूरी है कि लोन रीफाइनेंस के लिए अप्लाई करने से पहले आप अपना क्रेडिट स्कोर जरूर जांच लें। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो इस बात की संभावना है कि बैंक ब्याज दर में कुछ और छूट दे सकती है।
निष्कर्ष
अब अगर Repo Rate कम होने के बाद भी आपके लोन की EMI पर ब्याज दर कम नहीं हुई है तो आप Loan Refinancing के विकल्प पर जरूर विचार कर सकते हैं। जिससे आपकी EMI भी कम होगी और आपके खर्चे भी बचेंगे। अगर आपको इस बारे में कोई और जानकारी चाहिए तो आप मुझसे जरूर पूछ सकते हैं। मैं आपको सारी जानकारी देने की कोशिश करूंगा।
Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। लोन रिफाइनेंसिंग की प्रक्रिया, ब्याज दरें और शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं। रिफाइनेंसिंग से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से नवीनतम जानकारी जरूर जांचें। ब्याज दरें और चार्जेस आपके क्रेडिट स्कोर और लोन अमाउंट पर निर्भर करते हैं।